Arandi tel ke fayde- अरंडी के तेल के फायदे और इसके क्या नुकसान हैं? अरंडी का तेल तो हमारे लिए लाभदायक होता ही है और इसके साथ साथ अरंडी का पौधा भी बहुत लाभदायक है. यहाँ पर हम आपको अरंडी का तेल और उसके पत्ते के फायदे के बारे में बात करेंगे.
Arandi tel ke fayde (अरण्डी तेल के फायदे)
वैसे तो Arandi tel ke fayde बहुत सारे हैं लेकिन यहां हम आपको कुछ खास फायदों के बारे में बताएंगे. अरंडी के तेल के फायदे के अलावा इसके कुछ नुकसान भी होते हैं, तो अरंडी तेल के फायदे व नुकसान निम्नलिखित हैं-
सबसे पहले अरंडी के तेल के फायदे देखते हैं कि यह तेल किस तरह से हमारे लिए फायदेमंद होता है. उसके बाद इसके नुकसान के बारे में बात करते हैं.
अरण्डी का तेल के फायदे बालों के लिए
Arandi tel ke fayde बालों के लिए अरंडी का तेल बहुत उपयोगी होता है. इससे बाल काले घने और लंबे हो जाते हैं . अगर बालों में रूसी है तो वह भी खत्म हो जाती है . बालों में एक समस्या अक्सर सामने आती है वह है जब बाल दो मुंहे हो जाते हैं जिसकी वजह से बालों की ग्रोथ रुक जाती है . इस तेल की मदद से इस समस्या का भी समाधान आसानी से हो जाता है .
इस तेल को बालों की जड़ों में लगाना चाहिए . इससे इसका रिजल्ट अच्छा मिलता है . पूरे वालों में अरंडी का शुद्ध तेल नहीं लगाना चाहिए, सिर्फ बालों की जड़ों में लगाना चाहिए . अगर पूरे बालों में अरंडी का तेल लगाया जाता है तो उसमें अन्य प्रकार के हेयर ऑयल मिला लिए जाते हैं.
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क्योंकि अरंडी के शुद्ध तेल से बाल चिकट जाते हैं. इसीलिए इस तेल को सिर्फ बालों की जड़ों में डालकर मालिश करें . और अगले दिन शैंपू से धो लें . ऐसा करने पर लगभग 2 से 3 हफ्ते में आपको रिजल्ट देखने को मिल जाएगा.
अरंडी का तेल दर्द निवारक
Arandi tel ke fayde दर्द निवारक भी है यह, अगर शरीर में कहीं दर्द हो तो उस जगह पर इसकी मालिश करने से दर्द रुक जाता है.
सर्दियों के मौसम में अक्सर कुछ लोगों की एड़ियां फट जाती है . फटी एड़ियों पर लगाने से एड़िया बिल्कुल सही हो जाती हैं . तो रात को सोने से पहले एड़ियों पर अरंडी का तेल लगा ले और आराम से लेट जाएं ऐसा दो-तीन दिन करने पर एड़िया एकदम ठीक-ठाक हो जाएंगे.
शरीर पर कभी-कभी कुछ काले रंग के छोटे धब्बे आदी हो जाते हैं . इन धब्बों पर उंगली से धीरे-धीरे कुछ दिनों तक लगाने से यह धब्बे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं .
Arandi ka tel पेट के लिए
Arandi tel ke fayde, अरंडी का तेल पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है अगर इसका सही से इस्तेमाल किया जाए तो .
हल्के पेट के दर्द में भी यह लाभदायक होता है इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच अरंडी का तेल और आधा नींबू निचोड़ कर डालें . इसको सुबह खाली पेट पी ले . कुछ दिन तक इसका सेवन करने से आपको फायदा मिलने लगेगा .
एक गिलास दूध में आधा चम्मच अरंडी का तेल डालकर पीने से आपके पेट में पाचन क्रिया की विधि सही से काम करने लगेगी और पेट में कभी कब्ज की भी शिकायत नहीं रहेगी .
Arandi tel ke fayde में इसका एक फायदा यह भी है जब मधुमक्खी या बर्रा आदि के काटने पर इस तेल को काटने वाली जगह पर थोड़ा सा लगा लेने पर सूजन कामने लगती है और दर्द भी रुक जाता है.
अरण्डी तेल के नुकसान
Arandi tel ke fayde के अलावा इसके नुकसान भी हैं. इसलिए अरंडी के तेल का सेवन करने से पहले हमें पूरी तरह सावधानी बरतनी चाहिए . अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने के लिए पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.
अरंडी के तेल की तासीर गर्म होती है इसलिए इसकी अधिक खुराक लेने पर आपको नुकसान भी हो सकता है . इसे पीने पर आपकी तबीयत घबरा सकती है . आप को चक्कर भी आ सकते हैं . ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
अरंडी के तेल को बच्चों की पहुंच से दूर रखें. क्योंकि छोटे बच्चों की अक्सर आदत होती है वह हर चीज उठाकर अपने मुंह में ले जाते हैंऔर यह तेल काफी गर्म होता है जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है.
Arandi ka tel kaisa hota hai
आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर Arandi ka tel kaisa hota hai. अगर आपने देखा होगा तो आपको पता होगा, नहीं तो हम आपको बताते हैं कि अरंडी का तेल कैसा होता है?
अरंडी का तेल देखने में हल्के पीले (light yellow) रंग का होता है. इसमें एक विशेष प्रकार की गंध आती है. यह तेल अरंडी के बीजों से निकाला जाता है. अरंडी का तेल, बीजों को कुचल कर या दाब कर मशीनों के द्वारा निकाला जाता है.
अरंडी के बीजों से तेल निकालने की तीन विधियाँ होती हैं. इसी के अनुसार इसका रंग और इसकी गंध अलग अलग भी हो सकती है.
इनमे से एक विधि से आप अरंडी का तेल घर पर भी निकाल सकते हैं. जिसमे इसका रंग काला होता है. यह तेल थोडा गाडा व चिपचिपा भी होता है.
Arandi ka ped kaisa hota hai
castor plants in Hindi अरंडी को अंडी भी कहते हैं और गांव में प्रायः इसे अन्डुआ भी बोलते हैं. अरंडी का पौधा एक वनस्पतिक पौधा है इसकी उम्र सिर्फ कुछ वर्षों की ही होती है, ना कि यह एक बहू वर्षीय पेड़ है .
अरंडी का वैज्ञानिक नाम Ricinus Communis है. यह स्पेशियस फैमिली में आता है . अरंडी का पौधा भारत और अफ्रीका में देखने को मिलता है . भारत के कुछ हिस्सों में तो अरंडी की खेती भी होती है . जैसे गुजरात में भी इसकी खेती होती है इसके अलावा यह भारत में अक्सर कुछ ऐसी जगहों पर उगाते हैं जहां कुछ नमी रहती है.
Arandi ke patte ke fayde
अरण्डी के पत्ते का उपयोग में Arandi ka tel ke fayde के अलावा अरंडी के पत्ते भी फायदेमंद होते हैं. अरंडी के तेल के फायदे तो बेशुमार है ही. इसके साथ साथ अरंडी के पत्ते भी हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. हाथ या पैर में कहीं दर्द, मोच या सूजन आ जाए तो उस हिस्से पर यह दवा का काम करते हैं .
अरंडी के पत्तों का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले जिस जगह पर पत्ते बांधने हैं उस पर पहले कोई भी दर्द के तेल से हल्की सी मालिश करते हैं . इसके बाद अरंडी के एक या दो पत्ते को तवे पर हल्का सा गर्म करके दर्द वाली जगह पर किसी कपड़े की सहायता से बांध लेते हैं . यह लगभग 4 से 5 घंटे तक बांधे रखना होता है . ऐसा करने पर दर्द अपने आप धीरे-धीरे रुक जाएगा . और आपको आराम मिलने लगेगा.
बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे जोड़ों में दर्द होने लगता है और घुटनों में भी चलने फिरने में तकलीफ होती है . इसमें भी अरंडी के पत्तों को गर्म करके घुटनों पर बांधने से आराम मिलता है . इनके इस्तेमाल करने का तरीका एक जैसा है पहले आप किसी दर्द निवारक तेल का इस्तेमाल करें उसके बाद गर्म करके पत्तों को बांध ले.
अगर अरंडी के पत्ते साबित ना बन सके तो उन्हें पीसकर सरसों के थोड़े से तेल में मिलाकर गर्म कर ले और उसे बांध ले उससे भी आपको आराम मिल जाएगा.
याद रहे अगर आप अरंडी के साबित पत्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं . तो पहले तवे पर भी हल्का सा तेल लगाकर तबीयत को गर्म कर ले उस गर्म तवे पर पत्ते का उल्टा भाग , यानी पत्ते का वह हिस्सा जो नीचे की तरफ रहता है . उसको थोड़ा गर्म कर लें और पत्ते ज्यादा अधिक ना हो क्योंकि इन की तासीर गर्म होती है.
इनको लगभग 5 घंटों से ज्यादा देर तक ना बांधे इसके बाद खोलकर दोबारा नए पत्ते इसी विधि से दोबारा इस्तेमाल करें. तो यह थे Arandi ka tel ke fayde के साथ साथ अरंडी के पत्ते के लाभ.
अरंडी का तेल कैसे बनता है?
Arandi tel ke fayde, अरंडी के तेल के बारे में हमने आपको बताया कि इसके बेशुमार फायदे हैं . तो पहले यह जान लेते हैं कि यह तेल आखिर बनता कैसे है?
अरंडी के पौधे पर अरंडी गुच्छों के रूप में आती हैं . और एक गुच्छे में लगभग 10 से 15 फल होते हैं . जो शुरू में हरे रंग के होते हैं . इन गोल फलों के ऊपर कांटे जैसे आकार होते हैं जो शुरू में हरी और मुलायम होते हैं लेकिन बाद में पकने के बाद और सूखने के बाद यह थोड़ा कड़क हो जाते हैं. इनका रंग भी थोड़ा-थोड़ा काला या भूरा होने लगता है .
(Arandi ka tel ke fayde) एक गोल फल के अंदर लगभग 4 अरंडी के बीज होते हैं . जो पूरी तरह से अगर सूख जाएं तो फल के अपने आप चटक जाने से बाहर निकल आते हैं .
बीज के ऊपर एक पतली सी लेयर होती है जो बीच का चिल्का होती है. इसलिए हर के अंदर अरंडी का बीज सफेद रंग का होता है मतलब अरंडी के बीज के अंदर सफेद रंग का गूदा होता है और उस गूदे में ही अरंडी का तेल मौजूद रहता है .
अरंडी सूखने के बाद स्वतः बीज को अलग कर देती है . इसलिए इनके फलों से बीजों को निकालने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है . और इस प्रकार अरंडी को इकट्ठा करके रख लेते हैं और अब यह पूरी तरह से तैयार होती हैं तेल निकालने के लिए . अब इसके बाद मशीनों की सहायता से अरंडी का तेल निकाला जाता है . कुछ लोग घरेलू विधि से भी अरंडी का तेल घर पर ही निकाल लेते हैं .
अरंडी का तेल कैसे बनाते हैं?
Arandi ka tel, अरंडी के बीजों से तेल निकालने के तीन तरीके है. इनमे से सिर्फ एक ही तरीका ऐसा है जिस से हम घर पर ही यह काम कर सकते है. घर पर जिस बिधि से तेल तैयार किया जाता है उस से जमैकन ब्लैक कैस्टर आयल बनता है. Arandi tel ke fayde बहुत होते हैं इसलिए इसको घर पर कैसे निकाला जाता है यह भी जान लेते हैं.
सबसे पहले अरंडी के फल को सुखाकर उसमें से अरंडी के बीज को निकाल लेते हैं . इन बीजों को लोहे के किसी बर्तन में आग की मदद से भून लेंगें. बीजों को भूलने के लिए शुरू में 3 से 4 मिनट तक तेज आज पर रखेंगे. इसके बाद आग को कम कर के बीजों को लगभग 15 से 20 मिनट तक भूनते रहेंगे . याद रहे की बीजों को लोहे के किसी बर्तन या लोहे की कढ़ाई में ही रखें .
अरंडी के बीजों को भूनते समय उनमें से धुआँ निकलने लगेगा और वह लगभग पूरी तरह से काले पड़ जाएंगे . लेकिन याद रहे के बीज पूरी तरह से जलने ना पाए . इसके लिए इन्हें किसी चम्मच आदि से बराबर चलाते रहना है . इस प्रकार बीज पूरी तरह भूल जाएं तो उन्हें कड़ाई से बाहर एक दूसरे बर्तन में निकाल ले. और इन गरम बीजों में थोड़ा ठंडा पानी डाल दें ताकि यह ठंडे हो जाए.
पानी ज्यादा ना डालें बल्कि थोड़ा ठंडा पानी डालकर ठंडा होने के लिए रख दें . जब भी ठंडे हो जाए तो इन्हें उसी पानी के साथ कुचलने शुरू कर दें अगर इसमें मिला हुआ पानी ज्यादा है तो थोड़ा पानी निकाल ले . अब बीजों को कुचलकर यह मिक्सी की सहायता से थोड़ा पीसकर उनका एक पेस्ट बना लें . बीजों को ज्यादा महीना न पीसें .
(Arandi tel ke fayde) अब इस कुचले हुए पेस्ट को दोबारा उसी कढ़ाई में पकाना शुरू कर दें . कढ़ाई को धोने की जरूरत नहीं है . पकाते समय शुरू में तेज आँच से पकाएं और जब पेस्ट में उबाल आ जाए फिर आँच को धीमा कर दें . अब इसे धीमी धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक के आपको उस पेस्ट में तेल दिखाएं ना दे.
आप नोटिस करेंगे कि आपको कढ़ाई में पेस्ट के साथ-साथ तेल भी दिखाई दे रहा है और आप जिस चम्मच से चला रहे हैं उस पर भी बेस्ट या पानी नहीं बल्कि आपको तेल दिखाई दे रहा है .लेकिन अभी इस पेस्ट में पानी भी मौजूद होगा , आपको अभी भी इसे धीमी आंच पर गर्म करते ही रहना है और तब तक करें कि पानी पूरी तरह से जल न जाए . पानी जलने के बाद इसे ज्यादा ना पकाएं . क्योंकि इसको अगर ज्यादा देर तक पकाया गया तो इसकी गुणवत्ता कम हो सकती है .
अब इस तेल युक्त बेस्ट को ठंडा होने के लिए रख दें . जब यह इतना ठंडा हो जाए कि आप इसे छू सके . अब इसे किसी सूती कपड़े या छलनी की सहायता से किसी साफ बर्तन में छान लें . और अब आपके पास इस प्रकार अरंडी का तेल यानी ब्लैक ऑस्टर ऑयल तैयार है.
अरंडी का तेल के डेरिवेटिव का उपयोग
- Arandi tel ke fayde बहुत हैं जिनमे अरंडी तेल का उपयोग साबुन बनाने के काम में होता है.
- स्नेहक के काम में इसका उपयोग होता है.
- हाइड्रोलिक और ब्रेक तरल पदार्थ में इसका उपयोग होता है.
- पेंट में भी इसका उपयोग होता है.
- स्याही बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है.
- प्लास्टिक में इसका उपयोग होता है.
- मोम में भी Castor oil का उपयोग होता है.
- नायलॉन में भी इसका उपयोग होता है.
- अरंडी के तेल का इत्र में भी उपयोग होता है.
- गन्ने के रस को जब गर्म किया जाता है तो उसमें उबाल आने के बाद रस बर्तन से बाहर आने लगता है, तो उसमें अरंडी के तेल का छींटा लगाने पर वह एकदम से शांत हो जाता है.