Autumn season in Hindi
शरद ऋतू जिसको पतझड़ ऋतू भी कहा जाता है. (Autumn season in Hindi) यहाँ पर आपको शरद ऋतु पर निबंध हिंदी में 150 शब्द और essay on autumn season in hindi में एक बड़ा निबंध 1000 शब्दों में मिलेगा. इसके बाद शरद ऋतू पर निबंध में 10 वाक्य भी दिए गए हैं जिन्हें आप आसानी से याद कर सकते हैं . यह निबंध सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं .
शरद ऋतु पर निबंध हिंदी में 150 शब्द
शरद ऋतू को पतझड़ ऋतू भी कहा जाता है. क्योंकि इस मौसम में पेड़ों से पत्ते गिरने लगते हैं अर्थात पेड़ों का पतझड़ होने लगता है. यह ऋतू वर्षा ऋतू के बाद आती है और जाते जाते हमें हेमंत ऋतू यानि सर्दी का मौसम दे जाती है.
शरद ऋतू अक्टूबर और नवम्बर के महीने में होती है. इस समय मौसम बहुत अच्छा होता है क्योंकि शरद ऋतू में हमें बरसात के मौसम से छुटकारा मिल जाता है.
इन दिनों दिन छोटे और राते बड़ी होने लगती हैं. दिन के समय मौसम थोडा गर्म रहता है और रात को काफी ठंड रहती है. शरद ऋतू के बाद हेमंत ऋतू आ जाती है फिर सर्दियों की शुरुआत हो जाती है.
इस ऋतू में किसान अपने खेतों में गेंहूँ, आलू, सरसों आदि फसल की बुवाई शुरू कर देते हैं. और इसी मौसम में कुछ फसलें जैसे बाजरा, तिल आदि पक कर तैयार हो जाती हैं.
Sharad ritu par nibandh 1000 shabd
शरद ऋतु, एक वर्ष में 6 ऋतुएं होती हैं जिनमे से एक शरद ऋतु है. इस ऋतु के नाम से तो ऐसा लगता है जैसे मानो इस ऋतु में बहुत सर्दी होती होगी लेकिन ऐसा नहीं है.
शरद ऋतु में सर्दी होती तो है लेकिन बहुत अधिक नहीं. शरद ऋतु में गुलाबी सर्दी होती है. अब आप सोच रहे होने कि यह गुलाबी सर्दी क्या होती है.
तो दोस्तों इस गुलाबी सर्दी का मतलब होता है हल्की हल्की सर्दी. शरद ऋतु में शर्दियाँ शुरू होने लगती हैं. शरद ऋतु से पहले वर्षा ऋतु का मौसम होता है और शरद ऋतु के बाद शुरू होती है हेमंत ऋतु. यह हेमंत ऋतु ही जबरदस्त सर्दियाँ लेकर आती है.
Autumn meaning in hindi इसकी meaning की अगर बात करें तो ऑटम शब्द का मतलब पतझड़ होता है. इसीलिए इस मौसम को पतझड़ ऋतु भी कहा जाता है. क्यूंकि इस ऋतु में बहुत सारे पेड़ो के पत्ते गिरने लगते है. अर्थात पेड़ो का पतझड़ होने लगता है.
शरद ऋतु का समय कब से कब तक माना जाता है
Autumn season in Hindi में अब बात करते हैं कि यह शरद ऋतु कब आती है और कब तक रहती है. हमारे भारत वर्ष में इस ऋतु का आगमन क्वार के महीने में शुरू हो जाता है और यह सिर्फ 2 महीने की होती है तो यह कार्तिक माह में समाप्त हो जाती है. अगर बात करें अंग्रेजी कैलंडर की तो यह शरद ऋतु अक्टूबर और नवम्बर के महीने में होती है.
इस समय दिन की अपेक्षा रातें बड़ी होती हैं. शरद ऋतु में दिन के समय तो शुरुआत में हल्की हल्की गर्मी रहती है. लेकिन धीरे धीरे रातें ठंडी होने लगती हैं. शरद ऋतु के अंत तक दिन में भी थोड़ी थोड़ी ठण्ड और रात में भी ठण्ड शुरू हो जाती है.
जैसा कि आपको मालुम है कि इस ऋतु से पहले वर्षा ऋतु होती है. जिसमे चारो तरफ पानी ही पानी होता है. आसमान बादल से छाय रहते हैं. जमीन पर नदी तालाबो में फुल भरा हुआ पानी और गलियों में कीचड आदि होता है. तो शरद ऋतु में हमें इन सब सब चीजों से छुटकारा मिल जाता है. यह शरद ऋतु हमें एक नया सा एहसास दिलाती है.
शरद ऋतु आगे आने वाली तेज ठण्ड की दस्तक देती है. तो इसलिए हम आगे आने वाली तेज ठण्ड का सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं. घरो में रखे हुए गर्म कपड़ो को निकालना शुरू कर देते हैं.
कुछ लोग सर्दियों में पहनने वाले गर्म कपडे, जैसे गर्म कैप, शाल, स्वीटर, जर्सी, जोकेट और जूते मोज़े आदि खरीदने शुरू कर देते हैं.
बाजारों में सर्दियो से सम्बंधित चीजें, दुकानों पर शरद ऋतु में दिखाई देने लगती हैं. अगर बात खाने पीने की चीजों की करें तो इस ऋतु में सड़कों के किनारे मूँगफली, गज़क, रेवड़ी आदि बिकना शुरू हो जाती है. चाय कॉफ़ी आदि गर्म पय पदार्थ की बिक्री में वृद्धि होने लगती है.
सभी पशु पक्षी भी शरद ऋतु में ही ठण्ड से निपटने के लिए अपनी अपनी तैयारियाँ शुरू कर लेते हैं. कई जंगली जानवर सर्दी से बचने के लिए अपने रहने के लिए सुरक्षित जगह का चयन शरद ऋतु में ही कर लेते हैं.
कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं जिनके शरीर पर इसी ऋतु में अधिक बाल आ जाते हैं जो उन्हें शर्दी से बचने में उनकी मदद करते हैं. जिससे वो आने वाली कड़ाके की ठण्ड से आसानी से निपट सकें. इसी तरह पक्षी भी अपने अपने ठिकाने तलाश लेते हैं.
शरद ऋतु में होने वाली फसलें
Autumn season में कई फसलें ऐसी हैं जो पक कर तैयार हो जाती हैं. कुछ फासले ऐसी भी हैं जो शरद ऋतु में बोई जाती हैं. शरद ऋतु में बोई जाने वाली कुछ प्रमुख फसलें गेंहूँ, जों, आलू, मसूर, सरसों आदि हैं. शरद ऋतु में पक कर तैयार होने वाली कुछ प्रमुख फसलें बाजरा, धान, उड़द, मूंग लोबिया, तिल आदि हैं. यह कई फसलें हैं जिनका सम्बन्ध शरद ऋतु से है. इसीलिए इस ऋतु का किसान के जीवन में बहुत महत्व है.
सभी किसान इस ऋतु में पकने वाली फसलों को जल्दी जल्दी काट लेते हैं. और अपने खेतों में बोने वाली नई फसलों की तैयारी कर लेते हैं.
हमने यहाँ पर शरद ऋतु से सम्बंधित जिन फसलों के बारे में बात की है, उनका बोने और काटने का समय कुछ स्थानों पर अलग अलग हो जाता है. क्यूंकि मौसम हर क्षेत्र में समान नहीं रहता है. इसलिए कुछ क्षेत्रों के हिसाब से फसलों के बोने और काटने का समय अलग अलग हो जाता है.
शरद ऋतु का प्रातः काल कैसा होता है
शरद ऋतु की प्रातः काल का समय बड़ा सुहाना होता है. इस ऋतु की शुरुआत में सुबह के समय थोड़ी ठण्ड होती है. इस ऋतु के जाते जाते यह सुबह की ठण्ड काफी बड़ जाती है.
शरद ऋतु का प्रातः काल बहुत खूबसूरत होता है. इस समय आसमान बिल्कुल साफ होता है. धीरे धीरे ताज़ा हवाएँ चलती हैं जो हमारे मन को प्रसन्न कर देती हैं. शरद ऋतु में सुबह की सैर करने में बहुत आनन्द आता है.
यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. कुछ लोग तो इस समय स्नान करना बहुत पसंद करते हैं. बहुत लोग इसी ऋतु में गंगा स्नान करने जाते हैं. कई धार्मिक स्थानों पर बड़े बड़े मेले लगते हैं. जो इस ऋतु की खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं.
शरद ऋतु में स्वास्थ्य का ख्याल रखें
शरद ऋतु में हमें अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखना चाहिए. क्यूंकि इस समय मौसम बहुत तेजी से परिवर्तन होता है. कभी कभी तेज ठण्ड हो जाती है और कभी मौसम सामान्य हो जाता है.
ऐसे में कभी कभी बारिश भी हो जाती है. जिसके कारण एकदम ठण्ड बड जाती और हमारा स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है. सर्दी, जुकाम, खांसी, हल्का बुखार आदि जैसी समस्या हो सकती हैं.
इन दिक्कतों से बचने के लिए हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए. जिस समय अधिक सर्दी हो तो गर्म कपड़ो को पहने और इस सर्दी को हल्के में न लें. अगर स्वयं को अस्वास्थ्य महसूस करें तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
शरद ऋतु पर 10 वाक्य
- शरद ऋतु , वर्षा ऋतु के बाद और हेमंत ऋतु से पहले आती है.
- इस ऋतु में दिन छोटे व रातें बड़ी होती हैं.
- Autumn season में दिन के समय न अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक सर्दी. लेकिन प्रातः काल और रात का समय थोडा ठंडा रहता है.
- यह ऋतु क्वार व कार्तिक माह के समीप आती है.
- इस ऋतु में प्रातः काल का समय बहुत खुबसूरत दिखाई देता है.
- दिन के समय आसमान साफ़ होता है और चांदनी रातें बहुत अच्छी लगती हैं.
- इस ऋतु में पेड़ों से पतझड़ होने लगता है. इसलिए इसे पतझड़ ऋतु भी कहते हैं.
- दीपावली का त्योहार इसी ऋतु में आता है.
- गेंहूँ, जों, मटर आदि की फासले शरद ऋतु में ही बोई जाती हैं.
- बाजरा, उड़द, धान मूंग, मसूर आदि फसलें शरद ऋतु में पक कर तैयार हो जाती हैं.