Diwali Essay in Hindi : दीपावली पर निबंध 150,500,1000 शब्द

दीपावली पर निबंध (Diwali par Nibandh)

यहाँ आपको Diwali par nibandh अर्थात दीपावली पर सभी तरह के छोटे व बड़े निबंध मिलेंगे जो 150 शब्द, 500 शब्दों में और इससे भी बड़ा निबंध जो 1000 शब्द से भी अधिक होगा जिसमे दिवाली के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है. इसके अलावा यहाँ आपको दीपावली पर निबंध छोटे कक्षा के बच्चो के लिए 10 वाक्य भी दिए गए हैं जो बहुत आसान भाषा में लिखे गए हैं. इन वाक्यों को छोटे बच्चे आसानी से याद कर सकते हैं.

Diwali Essay in Hindi

दीपावली पर निबंध 150 शब्द

Diwali par Nibandh :- दिवाली हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है. दीपावली पर लोग अपने घरो में दीपक जलाकर घर के हर कोने कोने में प्रकाश करते हैं. यह कार्तिक माह में अमावस्या के दिन मनाया जाता है . इस दिन लोग बहुत खुश होते हैं और अपने घरो व दुकानों की साफ सफाई करके उन्हें सजाते है.

इस दिन महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. दीपावली के सुभ अवसर पर लोग नई नई चीजे खरीदते हैं. बच्चो के लिए खिलौने और मिठाइयाँ आदि खरीदते है और एक दुसरे को उपहार भी देते हैं.

कहा यह जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काट कर और रावण का वध करके वापिस अयोध्या लौट कर आये थे. इनके आने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने श्री राम के स्वागत में अपने घरो व गलियों को दीपक जलाकर बहुत खुबसूरत तरीके से सजाया था. जब से ही इस दिन को दीपावली के रूप में लोग मनाते आ रहे हैं.

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना:- Diwali Essay in Hindi, दिवाली सभी हिंदू त्योहारों में सबसे महत्त्वपूर्ण पर्व हैl यह कार्तिक के महीने में मनाया जाता है। इसकी उत्पत्ति के बारे में अलग-अलग कहानियां बताई जाती हैं.

सबसे प्रसिद्ध कहानी यह है कि जब राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत मे अपने घरों को मिट्टी के दीयों को जलाकर सजाया था, इसलिए उनके अयोध्या लौटने की याद में दीवाली मनाई जाती है.

त्योहार के आयोजन से पहले बड़ी तैयारियां की जाती हैं। घरों की सफाई की जाती है। घरों को अच्छे और महंगे रंगों से रंगा जाता है और उनके दरवाजों को भी रंगा जाता है, पॉलिश किया जाता है या वार्निश किया जाता है, दुकानों और व्यापार के अन्य स्थानों की भी साफ, सफाई -धोया और रंगा जाता है।

पूरा शहर एक नया रूप धारण करता है. त्योहार से कुछ दिन पहले लोग अपने घरों और दुकानों को नए कैलेंडर, पोस्टर, कागज के झंडे, नए खिलौनों और उत्सवों से सजाना शुरू कर देते हैं।

दीपावली मनाने का तरीका

दिवाली मनाने का तरीका, धनतेरस के दिन नए पीतल और स्टील के बर्तन खरीदे जाते हैं। लोग नई मिट्टी के खिलौने भी खरीदते हैं। कई दिनों तक घरों में तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं।

दीवाली से एक दिन पहले छोटी दीवाली का आयोजन होता है। मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं और विभिन्न रंगों, आकार और कई आकार के बिजली के बल्ब से घरों और दुकानों को सजाते हैं। गरीब लोगों के लिए खिलौने, कलैण्डर, बर्तन और अन्य वस्तुएं चीनी के खिलौने, बताशा और खिलें (पके हुए चावल) आदि बाँटे जाते हैं।

मुख्य दीवाली का दिन उल्लास, उत्सव, सजावट, नए कपड़े और रोशनी का दिन है। बाजारों की चकाचौंध, चकाचौंध बस मनमोहक है। मुख्य बाजारों में बहुत भीड़ होती है और शाम 4 बजे के बाद लोगों को बाजारों के माध्यम से वाहनों पर जाने की अनुमति नहीं है। शाम के समय लोग अपने बेहतरीन परिधानों में दुकानों के नज़ारों का आनंद लेने के लिए निकलते हैं।

सैकड़ों और हजारों सजावटी बल्ब दुकानों को नई दुल्हनों में बदल देते हैं।  मिठाई की दुकानें अपनी दुकानों के सामने मिठाई से सीढ़ियाँ और मिठाइयों के टीले बनाते हैं। लोग रात में मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।  यह कुछ बुरा है कि लोग इस दिन जुए में लिप्त हो जाते हैं और कई दिनों तक जुआ खेलते रहते हैं। कई लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है। इसलिए हमें इससे दूर रहना चाहिए।

उपसंहार

Diwali Essay in Hindi में अब आखिर में जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली एक खुशियों का त्योहार है. इस दिन चारो तरफ रौशनी ही रौशनी जगमगाती है.

इस दिन कोई ऐसा कोना नहीं होता है जहाँ अँधेरा हो तो हमें चाहिए कि इस अँधेरे को हम अपने घरों व दुकानों के साथ साथ इसे अपने जीवन से भी निकाल दें.

जिस तरह श्री राम ने अपने माता पिता का दिल नहीं दुखाया और उनके मात्र कहने से ही चौदह वर्ष के बनवास के लिए चले गए थे.

हमें भी कभी भी अपने पूरे जीवन में किसी भी परिस्तिथि में अपने माता पिता का दिल नहीं दुखाना चाहिए. दिवाली के शुभ अवसर पर यह बात मन में ठान लें.

दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में

Diwali Essay in Hindi, यह त्यौहार वर्ष में सिर्फ एक बार आता है. दीपावली एक धार्मिक पर्व है, यह हिन्दू धर्म का बहुत बड़ा त्यौहार है. यह त्यौहार खुशियों से भरपूर होता है. इस पर्व के मौके पर लोग अनेकों ऐसे काम करते हैं जो उनकी खुशियों में और चार चाँद लगा दें.

दीपावली के शुभ अवसर पर लोग अपने घरों में दिये जलाकर रौशनी करते हैं, घरों को दियों से इस तरह जगमगा देते हैं जैसे मानो आसमान के तारे ज़मीन पर उतर आयें हों. भारत में होली और दिवाली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है.

इस दिन लोग नए नए कपडे पहनते हैं, मिठाइयाँ खरीदते हैं और बच्चो के लिए खिलौने आदि खरीदते हैं. मतलब इस दिन लोग, वो कोई भी मौका नहीं छोड़ते जो उनकी ख़ुशी को अधिक बढाये. इस दिन घरो में लक्ष्मी जी पूजा होती है.

लेकिन कुछ लोग इस दिन पटाखे भी बहुत अधिक मात्रा में फोड़ते है और इस तरह, इस त्यौहार को उल्लाहस पूर्वक मनाते हैं. इसी के साथ साथ लोग एक दुसरे के घर व अपने रिश्तेदारों के घर भी जाते हैं और एक दुसरे को मिठाई, उपहार आदि देते हैं.

लेकिन यह काम लोग दिवाली से पहले या उसके बाद ही करते हैं . दीपावली के दिन किसी के साथ कुछ भी लेनदेन नहीकारते हैं . फिर एक दूसरे को इस त्यौहार की वधाई देते हैं.

दीपावली मनाये जाने का कारण

Diwali par Nibandh in Hindi, दीपावली मनाने के कई कारण बताये जाते है लेकिन सबसे प्रचलित कारण एक है. लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान श्री राम अपना चौदह साल का वनवास पूरा कर व रावण का वध करके वापिस अयोध्या लौटे थे.

इनके अयोध्या आने के बारे में अयोध्यावासियों को पता चल गया था. अयोध्यावासियों ने श्री राम के आने की ख़ुशी में उनके स्वागत के लिए पहले से ही अयोध्या नगरी को बहुत अच्छी तरह सजा रखा था.

पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजाया गया था और सभी लोगों ने अपने अपने घरो में दीपक जला रखे थे. पूरा शहर रौशनी से जगमगा रहा था. जब श्री राम ने अयोध्या में प्रवेश किया तो लोगों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा, लोग बहुत खुश हुए और जब से ही लोग इस दिन को दीपावली यानि दिवाली के रूप में मानते आ रहे हैं.

दीपावली की तैयारियाँ

Diwali Essay in Hindi, दीपावली की तैयारियाँ लोग एक दो सप्ताह पहले से करने लगते हैं. यह पर्व मुख्य रूप से पाँच दिन का होता है .

दिवाली आने से कुछ दिन पहले से ही घरो में साफ़ सफाई होने लगती है. पुराने जूते चप्पल और कपडे आदि जो इस्तेमाल के नहीं होते है उन्हें घर से हटा दिया जाता है .

लोग अपने मकानों की रंगाई पुताई करते हैं. घरो में नई नई चीजें लाते है. मिट्टी के सुन्दर वर्तन और खिलौने आदि भी खरीदते हैं. लोग अपने घरों को सजाने के लिए रंगीन कागज़, रंगोली, फूल और रंग बिरंगे वाल्ब आदि का इस्तेमाल करते हैं .

इसी के साथ साथ पूरे घर में अनेको मिट्टी के दीये भी जलाते हैं . इससे इनके घर बहुत ही सजाबती लगने लगते हैं . दिवाली पे अपने घरो को इस तरह चमका देते हैं कि देखते ही रहो.

दीपावली पर कुछ बुरी आदते

Diwali Essay in Hindi, दीपावली, जैसे के नाम से ही लगता है के यह प्रकाश का पर्व है . तो इस दिन हम अपने घरो को तो प्रकाश से भर देते हैं और घर में कहीं भी अँधेरा नहीं रहने देते .

लेकिन हमें चाहिए के अपने घरो के अँधेरे के साथ साथ अपने अन्दर के अँधेरे को भी समाप्त कर दे और अपने दिलों को भी प्रकाश से जगमगायें .

इस दिन को लेकर हमारे समाज में कुछ बुरी रीतियाँ है जिनसे हमें बचना चाहिए. कुछ लोगों का मानना है के इस दिन अगर जुआ खेलेंगे और जीत गए तो हमेशा पैसा आता रहेगा और इसी चक्कर में वो कई दिन तक जुआ खेलते रहते हैं जोकि गलत है .

जुआ खेलना बहुत बुरी आदत है, हमें इससे हमेशा बचना चाहिए और अपने घर के बच्चो को भी इससे दूर रखना चाहिए .

क्यूंकि अगर बच्चो को इसकी आदत पड़ गयी तो यह आदत छूटना बहुत मुश्किल हो जाती है . इसलिए ना ही स्ववं यह काम करे और न बच्चो को करने दें .

कुछ लोग इस दिन ड्रिंक करना भी इस त्यौहार का हिस्सा समझते हैं जो बिल्कुल गलत है. ड्रिंक बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए बल्कि किसी भी प्रकार का नशा करना गलत होता है जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है .

इसलिए हमें हर प्रकार के नशे से बचना चाहिए. और इस पर्व को अच्छी तरह से साफ़ सफाई के साथ ख़ुशी ख़ुशी मानना चाहिए.

दीपावली पर पटाखे फोड़ना

Diwali Essay in Hindi, दीपावली के दिन कुछ लोग बहुत अधिक मात्रा में पटाखे फोड़ते हैं और आतिशबाजी का भी प्रयोग करते हैं. आज के समय को देखते हुए वैसे तो यह पटाखों का रिवाज बिल्कुल गलत है .

इसकी वजह से हर साल हम कोई न कोई घटना समाचार में देखते रहते हैं. कहीं गलती से पटाखों से आग लग जाती है या कहीं कोई जल जाता है . कभी कभी तो बहुत गम्भीर हादसा इन पटाखों के कारण हो जाता है.

इसके साथ साथ यह पटाखे हमारे वातावरण को भी दूषित करते हैं. पटाखों की तेज आवाज़ ध्वनि प्रदूषण को बढाती हैं जो बहुत हानिकारक होता है .

पटाखों से निकलने वाला धुआँ, वायु को दूषित करता है . इससे वायु प्रदुषण फैलता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए और वातावरण के लिए बहुत हानिकारक होता है. इसी को देखते हुए कभी कभी कुछ खास शहरो में सरकार पटाखों पर कुछ हद तक बैन भी लगा देती है जो बिल्कुल सही है.

उपसंहार

Diwali Essay in Hindi में अंतिम शब्दों में दीपावली हिन्दू समाज में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है. इस पर्व के सुभ अवसर पर हम अपने घरो व दुकानों की साफ़ सफाई करते है और उन्हें अच्छे तरीके से सजाते भी है, और वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं.

इसके साथ साथ हमें चाहिए के स्ववं को भी बदले अर्थात अपने अन्दर की बुरी आदतों को त्याग दे . अपने मन में किसी तरह की ईष्र्या व जलन ना रखे और खुद को भी एक नए अवतार के रूप में देखे.

जिससे महसूस हो के यह पर्व हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण रहा. इस त्योहार के मौके पर हमें अपनी तैयारियाँ करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि हमारी वजह से किसी को कोई भी परेशानी न हो सके. इस दिन गरीबों की भी मदद करना चाहिए ताकि उनकी भी दिवाली में खुशियाँ आ सके.

Diwali par 10 lines in Hindi

  1. Diwali Essay in Hindi, दिवाली, हिन्दू धर्म का प्रमुख खुशियों का त्योहार है.
  2. दिवाली पर लोग अपने घरो व दुकानों को सजाते है और अनेको दीपक भी जलाते हैं.
  3. इस दिन लोग नई नई चीजे भी खरीदते है, जैसे नए जूते, कपडे, वर्तन और बच्चो के लिए खिलौने आदि.
  4. इस दिन भगवान श्री राम 14 साल बाद अयोध्या लौट कर आये थे जब से ही यह त्यौहार मनाया जाता है.
  5. दीपावली पर महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. जिससे घर में धन की पूर्ति रहे.
  6. यह पर्व कार्तिक माह में अमावस्या के दिन मनाया जाता है.
  7. दीपावली पर बाजारों में बहुत भीड़ रहती है. लोग मिठाइयाँ भी खरीदते हैं.
  8. दिवाली के सुभ अवसर पर लोग एक दुसरे को वधाई देते है.
  9. दिवाली पर लोग पटाखे फोड़ते है. जोकि नहीं फोड़ना चाहिए.
  10. दिवाली का पर्व वर्ष में एक बार आता है. जो बहुत खुशियाँ लाता है.

FAQ

Q. दीपावली कब मनाई जाती है?

Ans. दीपावली, दशहरा के 20 दिन बाद, कार्तिक माह के अमावस्या को मनाई जाती है. जो अंग्रेजी महीने के अक्टूबर या नवम्बर महीने में होती हैं. यह त्योहार वर्ष में सिर्फ एक बार आता है. कुछ लोग दशहरा के बाद से दिवाली की प्लानिंग करने लगते हैं.

Diwali Essay in Hindi, इस त्योहार को भारत के अलावा भी कई देशो में मनाया जाता है . लेकिन सबके अपने अलग अलग तरीके होते है . उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिन तक रहता है. यह धनतेरस के दिन से शुरू होता है और इसके पांचवे दिन भय्या दूज के दिन यह महापर्व पूर्ण होता है.

Q. 2024 में दीपावली कितनी तारीख की है ?

Ans. 2024 में दीपावली 29 अक्टूबर से 3 नवम्बर  तक है.

Q. दीपावली क्यों मनाई जाती है ?

Ans. दीपावली भगवान श्री राम के 14 साल बाद अयोध्या वापिस लौटने की ख़ुशी में मनाई जाति है.

Q. दिवाली पर किसकी पूजा होती है?

Ans. दिवाली पर महालक्ष्मी जी की पूजा होती है.

Q. दीपावली पर पटाखे फोड़ना चाहिए या नहीं ?

Ans. दीपावली पर पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए . क्यूंकि इससे वातावरण को बहुत नुकसान होता है. और कभी कभी आग भी लग जाती है. इसलिए दीपावली के सुभ अवसर पटाखे या अतिशवाजी आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.