Mustard Seeds in Hindi
सरसों के बीज यानि “Mustard Seeds in Hindi” सरसों के बीज से ही सरसों का तेल निकलता है. इसके बीज Mustard Seeds पीले, नीले, काले, भूरे आदि रंग के होते हैं. इनमे पीली सरसों बहुत इम्पोर्टेन्ट होती है. आम तौर पर जो सरसों पाई जाती है उसका रंग थोडा काला होता है. सरसों के बीज बहुत ही छोटे छोटे होते है. जो गोल होते है दाने के रूप में. इन दानो से ही तेल निकलता है. Mustard Seeds in Hind मसालों में भी इस्तेमाल होते है. और इसका उपयोग सब्जी पकाते समय कुछ लोग सब्जी में तड़का भी इन बीजों से लगाते है.
Mustard seeds in Hindi- सरसों का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका कैम्पेस्ट्रिस (Brassica Campestris) होता है . सरसों हमारे खाने पीने की चीजों में आज कुछ इस तरह से शामिल हो चुकी है के इसके वगैर हमारा खाना ही अधुरा है . यह फिर चाहे सरसों के तेल के रूप में हो या फिर सरसों के साग के रूप में हो या फिर सरसों के बीज ही क्यों न हो. यह खाने पीने के आलावा और भी औषधि के रूप में भी काम करती है.
सरसों की खेती
सरसों की खेती भारत में कई जगह होती है. भारत के राज्य उत्तर प्रदेश तथा उसके आसपास के हिस्सों में इसकी बुवाई सितम्बर के आखरी सप्ताह से लेकर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में शुरू होती है. और लगभग 4 महीने में इसकी फसल पक कर पूरी तरह तैयार हो जाती है.
यह लगभग एक वीघा जमीन में 2 से 3 कुंटल तक हो जाती है. सरसों की खेती से किसानो को काफी लाभ मिलता है. सरसों का पौधा हरे रंग का होता है जिसपर पीले रंग का फूल आता है.
यह फसल जब पूरी तरह से फूलों से भर जाती है तो यह देखने में बहुत सुन्दर लगती है. जब यह फसल पक जाती है तो इसे काटकर मशीनों की मदद से इनके बीज निकाले जाते हैं. इन्हीं बीजों से सरसों का तेल प्राप्त किया जाता है. जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे.
सरसों का साग
इसके पौधे की लम्बाई लगभग एक फिट के आसपास होती है तो इसके पौधे की पत्ती या ऊपर का नर्म भाग तोड़कर सब्जी बनाने के काम आता है. जो सरसों का साग कहलाता है.
सरसों के साग में कम कम कैलोरी होती है और फाईवर, कैल्सियम, पोटेशियम तथा विटामिन्स आदि पोषक तत्व पाय जाते है. जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है.
यह शरीर के बजन को भी कंट्रोल और हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं. यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है. कुछ भारतीय लोगों का बड़ा ही प्रिय भोजन है यह.
इसकी तासीर गर्म होती है और यह पेट के लिए बड़ा ही फायदेमंद होता है. सरसों का साग सर्दी के मौसम में पाया जाता है. जिस तरह से सामान्यतः अन्य साग सब्जी पकाई जाती हैं उसी तरह से ही इसका साग पकाया जाता है.
Mustard oil in Hindi सरसों का तेल
Mustard oil in hindi जब सरसों के बीजों को अच्छी तरह सुखा लिया जाता है तो mustard seeds को कुल्हू की मदद से पेर लिया जाता है. वैसे तो सरसों के बीजों से तेल निकालने की तीन विधि हैं.
लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका यही है. इसमें कुल्हू (मशीन) में डालकर पेर लेते हैं. इसमें एक तरफ से तेल निकलता है और एक तरफ से खल निकलती है.
इसकी खल भी बड़ी कामयाब चीज होती है. इसकी खल जानवरों को खिलने के काम आती है. गाय भैंस आदि सरसों की खल खाकर अधिक दूध देने लगते है.
Mustard oil in Hindi एक कुंटल सरसों में लगभग 36 किलो तेल और लगभग 63 किलो खल निकलती है. अब आप सोच रहे होंगे के 36 किलो तेल और 63 किलो खल यह तो 36+63=99 ही हुए. और एक कुंटल तो पुरे 100 किलो को कहते है. जी हैं जब एक कुंटल सरसों पिरेगी तो उसमे लगभग एक से दो किलो बजन घट जाता है.
यह अनुमानित आंकड़े है यह फिक्स नहीं होंगे गिनती इनके आसपास ही होगी. इसके अलावा सरसों के तेल का अनुपात सरसों की गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है.
सरसों के तेल के फायदे
Mustard oil in Hindi, सरसों के तेल के अनेको फायदे हैं लेकिन यहाँ हम कुछ खास तरह के फायदों का जिक्र करेंगे. इस तेल का उपयोग भारत के उत्तर और पूरबी हिस्सों के अलावा कुछ अन्य देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि में किया जाता है.
सरसों के तेल खाने के फायदे
Mustard seeds in Hindi में आप जानेंगे इस तेल को खाने में कैसे शामिल किया जाता है. हमारे भारत में खाना बनाने के लिए सबसे ज्यादा सरसों का तेल ही इस्तेमाल किया जाता है. इस तेल में बने भोजन को खाने से ह्रदय से जुडी बीमारियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
इस तेल के सेवन से पाचन सिस्टम भी सही रहता है और भूख भी खूब लगती है. वैसे तो खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे अच्छा तिल का तेल होता है.
लेकिन वो थोडा इसकी अपेक्षा मंहगा होता है. लेकिन सरसों का तेल अन्य तेलों के मुकाबले गुणवत्ता को नजर में रखते हुए सस्ता और फायदेमंद भी होता है.
यह तेल तभी फायदेमंद होगा जब यह पूरी तरह शुद्ध हो, इसमें किसी तरह की मिलावट न हो. वैसे तो इस तेल की शुद्धता की जाँच करने के कई तरीके हैं.
लेकिन हमें इस सब में ना पडके, बल्कि हमें चाहिए के सरसों को बाजार से ख़रीदे और इसे कुल्हू पे जाकर अपने सामने इसका तेल निकलवाये. और इस तेल से खाना बनाये , अब खाने में स्वाद भी आएगा और यह फायदेमंद भी होगा.
खाना बनाने के अलावा बहुत सारी चीजे ऐसी हैं जिन्हें हम तेल में तल के ही खाने योग्य बनाते हैं. जैसे आलू के चिप्स, पकोड़े आदि बहुत सारी चीजें ऐसी है जिन्हें सरसों के तेल में तल के खाया जाता है.
सरसों के तेल से मालिश के फायदे
सरसों के तेल से मालिश के फायदे तो बहुत सारे हैं अगर इस तेल से रोजाना शरीर पर मालिश की जाये तो कुछ ही दिनों में इसके परिणाम देखने को मिल जाते हैं.
इस तेल में विटामिन ई सही मात्रा में मौजूद होता है. जिससे मालिश करने पर त्वचा को भरपूर पोषक मिलता है.
सरसों के तेल से मालिश करने पर स्किन में कसाव आता है और हमारी स्किन में नमी भी बनी रहती है. जिससे स्किन एकदम स्वास्थ्य बनी रहती है.
Mustard seeds in hindi , इस तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल के गुण भी मौजूद होते है. जो त्वचा के रेशेज और संक्रमण आदि को दूर रखते हैं. इन्ही गुणों की बजह से इस तेल को एक आयुर्वेद तेल भी कहा जाता है.
सरसों के तेल से मालिश से, शरीर की त्वचा के अलावा इससे हमारी मांसपेसियां भी फिट रहती है जिससे शरीर में फुर्ती बनी रहती है.
इस तेल की तासीर गर्म होती है इसलिए इसकी मालिश सर्दियों के मौसम में लोग अधिकतर करते है. सर्दियो में अक्सर त्वचा रूखी रूखी सी होने लगती है ऐसे में सरसों के तेल से मालिश एक रामवाण का काम करती है. (Mustard seeds in hindi)
हर एक इन्सान की स्किन का सिस्टम थोडा अलग रहता है. इसलिए हो सकता है के अगर प्रतिदिन मालिश की जाये तो त्वचा का रंग थोड़ा सा काला पड़ने लगे. इसके लिए आपको चाहिए के इस तेल की मालिश करने के बाद स्नान कर ले फिर ऐसा नहीं होगा.
इस तेल से मालिश करने पर स्किन पर पड़ी हुई झुर्रियां भी कम हो जाती हैं. किसी भी समय इस तेल से मालिश की जा सकती है.
सर्दी के मौसम में अगर जोड़ो या मांसपेशियों में हल्का से दर्द होने लगता है. ऐसे में आपको चाहिए के एक छोटी सी कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमे लहसुन की 7 से 8 कली डालकर तेल को खूब गर्म कर ले.
इसके बाद इस गर्म तेल को ठंडा होने के बाद माँसपेशियो व जोड़ो पर इस तेल से मालिश करे आपको आराम मिलेगा.
सरसों का तेल के फायदे बालो के लिए
Sarso oil benefits for hair in Hindi, इस तेल का इस्तेमाल बालो में सदियों से होता आ रहा है क्यूंकि यह तेल बालो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस तेल में कई ऐसे बालो के लिए लाभदायक पोषक तत्व होते हैं जो बालो को हर तरह से सुरक्षित रखते हैं. सरसों के तेल को बालो में लगाने से बाल लम्बे, घने व मुलायम रहते हैं.
Sarso oil benefits for hair in Hindi यह तेल बालो को समय से पहले सफ़ेद होने से भी रोकता है. इस तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है इसलिए अगर सरसों के तेल से सर पे मसाज की जाये तो बालो में डैंड्रफ की दिक्कत भी दूर हो जाती है. और इससे सिर में ना ही कभी यीस्ट बनते है और पिम्पल भी नहीं होते हैं.
बालो में सबसे गंभीर समस्या जो देखने को मिलती है वो होती है बालो का गिरना या झड़ना जिसे हयर फॉल भी कहते हैं. सरसों के तेल को बालो में लगातार लगाने से हयर फॉल की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है.
यह तेल बालो के गिरने को काफी हद तक रोकता है और बालो को मजबूत बनाता है. कभी कभी बाल दुखने लगते है या सिर में दर्द होने लगता है ऐसे में इस तेल से सिर में मालिश करने पर आराम मिलता है.
सर्दियो के मौसम में अगर सिर में हल्का दर्द हो रहा हो तो सरसों के तेल को हल्का गुनगुना करके इस तेल से सिर में मसाज करें जिससे दर्द रुक जाता है और इससे तनाव भी कम होता है. अगर दर्द तेज हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सरसों का तेल सर्दी जुकाम में लाभ दायक
सरसों का तेल सर्दी व जुकाम में काफी फायदेमंद होता है. इसके लिए आप सरसों के तेल को किसी वर्तन में गर्म करके रख ले जब तेल ठंडा हो जाये तो इसकी 2 बूँद नाक में डालने पर आराम मिलता है. इससे बंद नाक तुरंत खुल जाती है और काफी सुकून भी मिलता है. और सर्दी जुकाम कम होने लगता है.
इसी तेल की 2 बूँद आप कान में भी डाल सकते हैं. अगर कान में दर्द है या कुछ कम सुनाई देता है तो. यह कानो के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.
सरसों का तेल और नमक के फायदे दांतों के लिए
आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे के यह तेल दाँतों व मसूड़ों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. दांतों के कई तरह के रोगों से लड़ने की ताकत रखता है यह तेल.
अगर दांतों से कभी कभी खून निकलता हो या ब्रश करने पर दांतों से खून निकले. दांतों या मसूड़ों में दर्द रहता हो जिसकी वजह से दांत से कोई मजबूत चीज ना टूटे. दांतों में ठंडा, गर्म पानी लगना इन सब चीजों में बहुत फायदा देता है यह तेल.
Mustard seeds in hindi, दांतों में इस तेल के इस्तेमाल करने का तरीका बहुत ही आसान है. इसके लिए सरसों के तेल में थोडा सा खाने वाला नमक मिलाकर उसे अच्छी तरह ऊँगली से घोल कर उसका पेस्ट बना लेना है. फिर इस पेस्ट को ऊँगली पर लेकर दांत माजना है.
मतलब दांतों पर ऐसे रगड़ना है जैसे किसी मंजन से दांत माजते हैं. यह काम एक सप्ताह तक रोजाना करना है. लेकिन याद रहे यह सब घरेलू नुस्खे है इनकी कोई गारंटी नहीं होती. अगर आपके दांतों में ज्यादा परेशानी है तो आपको सीधे डॉक्टर से ही मिलना चाहिए यही आपके लिए बेहतर होगा.
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