15 अगस्त पर निबंध 100 शब्दों में
हमारे भारत में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, यह दिन भारत को अंग्रेजी शासन से आजाद होने की ख़ुशी में मनाया जाता है।
15 अगस्त 1947 ई. को हमारा भारत देश आज़ाद हुआ था इसीलिए यह राष्ट्रीय त्योहार खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन देशवासियों ने स्वतंत्रता संग्रामीयों को याद किया जाता है और उनके बलिदान को सम्मानित किया जाता है।
स्कूलों और सरकारी संस्थानों में समारोह, नाटिका, और गाने-बजाने का आयोजन होता है। यह दिन देशभक्ति और एकता का प्रतीक है, जो देश के विकास के लिए प्रेरित करता है।
15 अगस्त पर निबंध 200 शब्दों में
Swatantarta Diwas Essay in Hindi - स्वतंत्रता दिवस, भारत का राष्ट्रीय त्योहार है जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत की आजादी के अनमोल इतिहास का प्रतीक है.
जिसमें भारतीयों ने अंग्रेजी शासन से आजाद होकर अपने देश का गर्व महसूस किया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत में एक नया संविधान लागू हुआ था इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मानते हैं..
15 अगस्त 1947 को, भारत के पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को लहराते हुए लाल किले से फहराया था और राष्ट्रीय गान “जन गण मन” गाया गया था। इस खास दिन पर पूरे देश में उत्साह और जोश की लहर छाई रहती है।
स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान और सारे समुदाय इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं। विभिन्न कार्यक्रम, समारोह और प्रदर्शनी आयोजित किए जाते हैं जिसमें देशवासियों के भावनात्मक भाषण और कविताएं सुनी जाती हैं।
इस दिन स्कूल में बच्चो को मिठाई आदि बांटी जाती है और चारो तरफ खुशियाँ होती हैं। इस पर्व की सबसे बड़ी बात यह होती है कि इसमें सभी जाति धर्म के लोग एक साथ मिलकर मानते हैं।
स्वतंत्रता दिवस न केवल आजादी के बल्कि देशभक्ति और एकता के संदेश को फैलाने का अवसर भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के उत्थान और विकास में योगदान देना है और अपने मातृभूमि के समृद्धि के लिए सक्रिय भूमिका निभानी है। स्वतंत्रता दिवस के इस 2023 के महान पर्व की बधाई हो!
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में
प्रस्तावना:- (Swatantrata Diwas Nibandh) भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को हर साल मनाया जाता है. 15 अगस्त सन् 1947 दिन शुक्रवार (जुमा) को हमारा भारत देश आजाद हुआ था. और तब से ही हर भारतीय इस दिन को एक राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाता है.
आज हर एक भारतीय इस दिन को अच्छी तरह जानता है; और क्यों न जाने आखिर यह ही वो दिन है, जिसे हम भारत का स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.
देश को आजाद कराने के लिए अनेकों महापुरषों ने अपनी जान कुर्वान कर दी थी, और हजारों लोग अंग्रेजों से अपने देश के लिए लड़ते लड़ते शहीद हो गए थे.
हमारे लिए यह दिन बहुत ही ख़ुशी का दिन माना जाता है. हर वर्ष इस दिन हर एक भारत का रहने वाला इन्सान इस त्यौहार को ख़ुशी से मनाता है. पूरे भारत वर्ष में इस दिन ख़ुशी का माहौल होता है.
भारत का स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध में अब इस दिवस का इतिहास जानते हैं . भारत के स्वतंत्रता दिवस के दिन सबसे पहले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय तिरंगा फ़हराया था. और उसी दिन से हमारे देश के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में लाल किले पर भारतीय तिरंगा फहरा कर देश को सम्बोधित करते हैं.
हिन्दूस्तान एक सोने की चिड़िया कह जाने बाला देश था जिस पर यूरोपीय व्यापारियों ने लगभग 17वीं सदी से ही हिन्दूस्तान के कुछ हिस्सों पर अपने पैर जमाना शुरू कर दिए थे; और धीरे धीरे वो एक ईस्ट इंडिया कंपनी बन गयी इस कंपनी ने 18वीं सदी के आखिर तक स्थानीय राज्यों को अपने वश में कर लिया था.
भारतीय प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा ब्रिटिश राज हो गया था.
इसके कई वर्षो के बाद भारतीय समाज ने धीरे धीरे अपना विकास करना शुरू किया और फिर सन् 1885 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण हुआ.
सन् 1930 ई. के दौरान ब्रिटिश सरकार के कानूनों में धीरे धीरे सुधार आना शुरू हो गए और फिर एक बार परिणामी चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की.
इसके बाद अगला दशक काफी राजनीतिक रहा, सन् 1947 ई में स्वतंत्रता के समय राजनीतिक तनाव बड़ता ही रहा और यह तनाव इस उपमहादीप के आनंदउत्सव का खात्मा भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ.
सन् 1951 ई की जनगणना के अनुसार विभाजन के तुरंत बाद लगभग 72,26000 मुस्लमान लोग भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए और लगभग 72,49000 हिन्दू और सिख लोग पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे. उस समय लोगों के बीच सम्प्रदायक हिंसा भी हुई थी जिसमे बहुत खून खराबा हुआ था.
भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब पंडित जवाहर लाला नेहरु दिल्ली के लाल किले पर बहुत सारे लोगों के साथ आज़ादी की ख़ुशी मना रहे थे तो उस समय महात्मा गाँधी उस महफ़िल में मौजूद नहीं थे क्यूंकि वह दिल्ली से बहुत दूर पश्चिमी बंगाल में हिन्दू मुस्लिम साम्प्रदायक हिंसा भड़की हुई थी वहां पर उस हिंसा को सँभालने के लिए अनशन पर बैठे थे.
भारत का स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले यानि के 14 अगस्त की रात को जब स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ऐतिहासिक भाषण दे रहे थे तो गाँधी जी उस भाषण में मौजूद नहीं थे लेकिन नेहरु जी का यह भाषण पूरे देश ने सुना था. नेहरु जी के इस भाषण का नाम ट्रिस्ट विद डेस्टनी (नियति से वादा) था जो पूरे देश ने सुना था.
कई सालों पहले, हमने नियति से एक वादा किया था, और अब वो समय आ गया है कि हम अपना वादा निभायें और पूरी तरह से न सही पर बहुत हद तक तो निभायें। आधी रात के समय जब पूरी दुनिया सो रही होगी तब भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। ऐसा क्षण आता है. मगर इतिहास में विरले ही आता है, जब हम पुराने से बाहर निकल नए युग में कदम रखते हैं, जब एक युग समाप्त हो जाता है, जब एक देश की लम्बे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है। यह संयोग ही है कि इस पवित्र अवसर पर हम भारत और उसके लोगों की सेवा करने के लिए तथा सबसे बढ़कर मानवता की सेवा करने के लिए समर्पित होने की प्रतिज्ञा कर रहे हैं।… आज हम दुर्भाग्य के एक युग को समाप्त कर रहे हैं और भारत पुनः स्वयं को खोज पा रहा है। आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो केवल एक क़दम है, नए अवसरों के खुलने का। इससे भी बड़ी विजय और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं। भारत की सेवा का अर्थ है लाखों–करोड़ों पीड़ितों की मदद करना। इसका मतलब है निर्धनता, अज्ञानता, और अवसर की असमानता मिटाना। हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की यही इच्छा है कि हर आँख से आंसू मिटे। संभवतः ये हमारे लिएमुमकिन न हो पर जब तक लोगों कि आंखों में आंसू हैं, तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा। आज एक बार फिर वर्षों के संघर्ष के बाद, भारत जागृत और स्वतंत्र है। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें कहाँ जाना चाहिए और हमें क्या करना चाहिए, जिससे हम आम आदमी, किसानों और श्रमिकों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें, हम निर्धनता मिटा, एक समृद्ध, लोकतान्त्रिक और प्रगतिशील देश बना सकें। हम ऐसी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संस्थाओं को बना सकें जो प्रत्येक स्त्री–पुरुष के लिए जीवन की परिपूर्णता और न्याय सुनिश्चित कर सके? कोई भी देश तब तक महान नहीं बन सकता जब तक उसके लोगों की सोच या कर्म संकीर्ण हैं।
ट्रिस्ट विद डेस्टिनी भाषण के अंश, जवाहरलाल नेहरू!
भारत का स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त सन् 1947 के दिन का प्रोग्राम कुछ इस प्रकार था-
- 08.30 AM – गवर्नमेंट हाउस पर गवर्नर जनरल व मंत्रियों का शपथ समारोह
- 09.40 AM – संवैधानिक सभा की तरफ मंत्रियों का प्रस्थान हुआ
- 09.50 AM – संवैधानिक सभा तक स्टेट ड्राइव की गयी
- 09.55 AM – गवर्नर जनरल को शाही सलाम पेश किया गया
- 10.30 AM – संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया
- 10.35 AM – गवर्नमेंट हाउस तक स्टेट ड्राइव
- 06.00 PM – इंडिया गेट पर झंडा समारोह हुआ
- 07.00 PM – रौशनी की गयी
- 07.45 PM – आतिश बाज़ी प्रदर्शन हुआ
- 08.45 PM – गवर्नमेंट हाउस पर आधिकारिक रात्रि भोज (डिनर) किया गया
- 10.15 PM – गवर्नमेंट हाउस पर स्वागत समारोह हुआ.
15 अगस्त को कौन-कौन से देश स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं?
भारत के स्वतंत्रता दिवस के आलावा यह कुछ देश और हैं जो 15 अगस्त के दिन ही आज़ाद हुए थे, जो इसी दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं.
- रिपब्लिक ऑफ़ कॉगो ( Republic Of Congo): यह देश 15 अगस्त सन् 1960 ई. को फ्रांस से आज़ाद हुआ था तो यह इसी दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है.
- उत्तर कोरिया व दक्षिण कोरिया ( North Korea and south Korea): 15 अगस्त सन् 1945 ई. को यह देश, जापानी कॉलोनाइजेशन से आज़ाद हुए थे तो यह देश भी इसी दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मानते हैं.
- बहरीन (Bahrain): बहरीन 15 अगस्त सन् 1971 को ब्रिटेन से आज़ाद हुआ था.
- लिंचेस्टीन (Liechtenstein): यह 15 अगस्त सन् 1866 ई. को जर्मनी से आज़ाद हुआ था तो यहाँ भी स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाता है.
उपसंहार
swatantrata diwas par nibandh में अब बात करते हैं उपसंहार की , इस पर्व पर हमें अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रण लेना चाहिए. आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए. देश में भाषा, प्रान्त, जाति के कारण अनेको झगडे जो होते हैं हमें जितना हो सके उसको रोकने की कोशिश करना चाहिए. आजकल अनुशासनहीनता बढती जा रही है. इससे हमारी स्वतंत्रता पर चोट पंहुचती है. हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हमारी स्वतंत्रता पर चोट पंहुचे.
15 August par 10 lines in hindi
- स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है.
- स्वतंत्रता से पहले हमारे देश पर अंग्रेजों का राज्य था.
- हमारा देश 15 अगस्त, 1947 ई. को आज़ाद हुआ था.
- देश के आजाद होने की ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
- आज़ादी प्राप्त करने के लिए देश के अनेक वीरों ने अपना बलिदान कर दिया था.
- स्वतंत्रता दिवस देश का पवित्र पर्व है. यह पूरे देश में हर्षउल्लास के साथ मनाया जाता है.
- 15 अगस्त का मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में होता है.
- हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं और देशवासियों को सम्बोधित करते हैं.
- इस दिन प्रधान मंत्री जी देश के विकास के लिए अनेको घोषणा करते हैं.
- हमारे स्कूल में प्रधानाचार्य झंडा फहराते हैं और छात्रो को सम्बोधित करते हैं.