Tajmahal kahan hai : ताजमहल कहां है और किसने बनवाया

दोस्तों यहाँ आप जानेगे कि ताजमहल कहाँ है (Tajmahal kahan hai) ? ताजमहल किसने बनवाया था और कहाँ कहाँ के कारीगरों का इसमें योगदान रहा. यही सारी जानकारी हम इस आर्टिकल में पढेंगे.

यह बेसिकली एक मकबरा है जिसको इतनी ख़ूबसूरती से बनाया गया है कि आज यह दुनिया भर में मशहूर है. ताजमहल दुनिया भर के सात अजूबों में से एक अजूबा है.

Tajmahal kahan hai

ताजमहल भारत के एक राज्य, उत्तर प्रदेश के एक शहर में स्थित है. इस शहर का नाम आगरा है जिसमे ताजमहल नामक अजूबा मौजूद है.  ताजमहल की लोकेशन धर्मपुरी, फ़ॉरेस्ट कॉलोनी ताजगंज आगरा है . Taj Mahal kahan hai इसको आप गूगल मैप पर भी यहाँ से सर्च कर सकते हैं .

ताजमहल किसने बनाया?

ताजमहल किसने बनवाया था यह तो आगे बात करेंगे लेकिन बनाया किसने था? ताजमहल बनाने में वैसे तो बहुत सारे लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन कुछ लोग ख़ास थे जिनका हम यहाँ जिक्र करेंगे.

Taj Mahal, ताजमहल का निर्माण उस्ताद अहमद लाहौरी के देख रेख में हुआ था और इन्हीं को इसका ख़ास कारीगर माना जाता है. उत्तरी भारत से लगभग 20,000 मजदूरों की सेना ने काम किया था और इनके साथ साथ कुछ और भी लोग थे जैसे- बुखारा से शिल्पकार थे और सीरिया व ईरान से सुलेखन का काम करने वाले कारीगर थे. बलूचिस्तान से पत्थर काटने और उसको तरासने वाले कारीगर बुलाये गए थे. इसके अलावा लगभग 27 कारीगर अलग थे जो केवल संगमरमर पर काम करते थे जिनमे से कुछ ख़ास कारीगर थे-

मुख्य गुम्बद पर इस्माईल खां ने काम किया था. मुख्य सुलेखना पर काम करने वाले अमानत खां थे जो कि ईरान से थे इनका नाम मुख्य दरवाज़े के सुलेखन के आखिर में लिखा हुआ है. ठोस सुवर्ण कलश पर काज़िम खान ने काम किया था जो कि लाहौर से थे. मुहम्मद हनीफ राज मिस्त्रीयों का पर्यवेक्षक था और इनके साथ मीर अब्दुल करीम व मुकनइमत खां अपने 1000 से ज्यादा हाथियों के साथ थे. 

Tajmahal kahan hai

ताजमहल कब बना था?

अभी आपने जाना कि Taj Mahal kahan hai और अब देखते हैं कि यह कब बना था? आधारशिला एवं मकबरे को बनाने में करीब 12 साल लगे थे, मुख्य मकबरा सन् 1643 ई. में बना था. लेकिन इसके आलावा इसमें आगे भी लगभग 10 वर्षों तक काम चालू रहा.

इसको देखने के लिए हर वर्ष लगभग 20 से 40 लाख लोग आते हैं जिसमे करीब 2 लाख से अधिक दर्शक विदेशी होते हैं. ज्यादातर लोग ताजमहल को देखने अक्टूबर, नवम्बर और फ़रवरी में आते हैं. इन महीनो में मौसम भी बहुत सुहावना होता है.

इस खूबसूरत स्मारक के पास प्रदुषण वाले वाहनों का जाना पूरी तरह प्रितिबंधित है इसके पास जाने के लिए लोग पैदल ही आते जाते हैं या फिर बैट्री वाले वाहन का इस्तेमाल करते हैं. 

ताजमहल किसने बनवाया था

Tajmahal history in Hindi में अब जानते हैं कि ताजमहल किसने बनवाया था? यह ताजमहल मुग़ल बादशाहों में से पांचवें बादशाह, शाहजहाँ ने अपनी प्यारी वेगम मुमताज महल के इंतकाल के बाद उनकी याद में यह खूबसूरत स्मारक बनवाया था.

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक खूबसूरत अजूबा है जो हिन्दूस्तान के राज्य उत्तर प्रदेश के एक शहर आगरा में यमुना के किनारे मौजूद है.

बादशाह शाहजहाँ अपनी वेगम मुमताज महल से बहुत प्यार करता था. मुमताज महल का इंतकाल प्रसव के दौरान हो गया था जिसके बाद बादशाह बहुत दुखी हो गया था.

कहा जाता है कि बादशाह लगभग 2 वर्ष तक अपनी बीबी के गम में रहा था इस दौरान उसके राज्य में उसने और किसी और ने भी कोई ख़ुशी नहीं मनाई थी.

शाहजहाँ ने अपनी बेगम की याद में ऐसा शानदार स्मारक बनाया जिसे दुनिया आज भी एक प्यार की निशानी के रूप में भी देखती है. और इस भव्य इमारत देखने के लिए लोग हमेशा आते रहते हैं.

यूँ तो उनकी कई बीबियाँ थी लेकिन बादशाह सबसे ज्यादा मोहब्बत मुमताज़ से ही करते थे, और मुमताज़ भी उनसे बहुत प्यार करती थी. तो अब हमें अच्छी तरह पता चल गया कि ताजमहल किसने बनवाया था और यह आगरा में है. 

ताजमहल का निर्माण

Tajmahal history in Hindi, में अब जानते हैं कि इसके निर्माण में जो पत्थर आदि सामान लगा था उसके बारे में. ताजमहल को बनाने के लिए देश विदेश से सामान मंगाया गया था जो बहुत ही कीमती भी था.

संगमरमर पत्थर राजिस्थान से लाया गया था.

लैपिज लजूली श्री लंका से लाया गया था .

जेस्पर पंजाब से लाया गया था.

क्रिस्टल को चीन एवं तिब्बत से लाया गया था.

इस की अनुमानित लागत उस समय 3 अरब 20 करोड़ आंकी गयी थी जो आज के समय में खरवों डॉलर से भी ज्यादा होगी.

ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है और इसकी लम्बाई व चौड़ाई 130 फिट है. ताजमहल की ऊंचाई समुंद्रीतल से 171 मीटर है.

यह यमुना के किनारे बना होने की वजह से इसकी खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं. यह देखने में बहुत ही खुबसूरत लगता है लेकिन शाम को जब इस पर सूरज की लाल रौशनी पड़ती है तो यह और भी खुबसूरत दिखने लगता है.

और रात में भी अगर रात चांदनी हो तो फिर तो इसकी खूबसूरती को बस निहारते ही रहो. तरह तरह के कीमती पत्थर जो सूरज और चाँद की रौशनी के साथ साथ अपनी भी खुबसूरत चमक को बदलते रहते है देखने में ऐसा लगता है मानो कि यह Taj Mahal अपना रंग बदल रहा हो.

तो दोस्तों  Taj Mahal kahan hai aur kisne banaya में हमने यह आर्टिकल जो लिखा है इसके लिए जानकारी इन्टरनेट व किताबों से ली है. आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में ज़रूर बताएं.