दिवाली पर निबंध pdf – Deepawali Nibandh (100, 200, 300 & 500 words)

दीपावली निबंध हिंदी में PDF

दीपावली पर निबंध PDF में आपको इस आर्टिकल में विभिन्न शब्दों में निबंध मिलेंगे – 100 शब्द, 200 शब्द, 300 शब्द और 500 शब्द तक। हर निबंध में दीपावली का महत्व, त्यौहार की खुशियाँ, रीति-रिवाज और उत्सव की सुंदर परंपराएँ विस्तार से बताई गई हैं। साथ ही, आप इस लेख के आखिर में इन निबंधों को PDF फॉर्मेट में डाउनलोड भी कर सकते हैं, जिससे आप इन्हें आसानी से पढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (100 शब्दों में)

दीपावली भारत का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। इसे दीपों का त्योहार कहा जाता है। दिवाली साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनायी जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। लोग दीप जलाकर उनकी खुशी मनाते हैं। दीपावली के दिन लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें अंधकार को मिटाकर ज्ञान और अच्छाई का प्रकाश फैलाना चाहिए। इसी दिन से हमें भविष्य में सभी बुरे कामों का त्याग कर देना चाहिए।

दीपावली पर निबंध (200 शब्दों में)

दीपावली भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम जी चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इसलिए उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर में दीप जलाए थे।

दीपावली से पहले घरों की सफाई की जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को खूब सजाते हैं और नए नए कपड़े पहनते हैं और रंगोली बनाते हैं। रात्रि में लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है। पूजा के बाद दीपक जलाए जाते हैं और इस पर्व पर खूब मिठाइयाँ भी बाँटी जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि दीपावली की रात लक्ष्मी जी पृथ्वी पर आती हैं और स्वच्छ घरों में प्रवेश करती हैं। इसलिए लोग अपने घरों को साफ-सुथरा रखते हैं।

दीपावली का संदेश बहुत गहरा है, यह हमें सिखाती है कि जैसे दीपक अंधकार को मिटाता है, वैसे ही हमें अपने जीवन से अज्ञान, आलस्य और बुराई को दूर करना चाहिए। इस त्योहार पर हमें जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए ताकि उनके जीवन में भी उजाला हो सके।

दीपावली का त्योहार समाज में प्रेम, एकता और भाईचारे की भावना बढ़ाता है। हमें इसे पर्यावरण की रक्षा के साथ शांतिपूर्वक मनाना चाहिए।

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में)

प्रस्तावना:- भारत त्योहारों का देश है, जहाँ हर पर्व अपने साथ एक नई खुशी और संदेश लेकर आता है। उन्हीं में से सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है दीपावली या दीपोत्सव, जिसे “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीपावली का नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान और हृदय में उमंग भर जाती है।

दीपावली का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। उसी दिन से हर वर्ष दीपावली मनाने की परंपरा चली आ रही है।

हिंदू धर्म में यह दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस रात लक्ष्मी जी पृथ्वी पर आती हैं और स्वच्छ व प्रकाशमय घरों में निवास करती हैं। इसीलिए लोग दीपावली से पहले अपने घरों की पूरी सफाई और सजावट करते हैं।

दीपावली की तैयारी और उत्सव

दीपावली आने से कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों की सफाई, पेंटिंग और सजावट में लग जाते हैं। बाजारों में जबरदस्त रौनक रहती है। हर कोई नए कपड़े, मिठाइयाँ, दीये और उपहार खरीदने में व्यस्त रहता है।

रात में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद दीपक जलाए जाते हैं और घर के कोनों-कोनों में रखे जाते हैं, जिससे पूरा घर जगमगा उठता है।

उपसंहार

दीपावली सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में नई ऊर्जा, आशा और प्रेरणा लाने वाला पर्व है। यह हमें सिखाता है कि जब तक जीवन में अच्छाई, प्रेम और ज्ञान का प्रकाश रहेगा, तब तक अंधकार हमें कभी पराजित नहीं कर सकता।

इस दीपावली पर हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम स्वच्छता, पर्यावरण और मानवता की रक्षा करेंगे।

दीप जलाइए, खुशियाँ बाँटिए और अपने जीवन में उजाला भरिए — यही दीपावली का असली अर्थ है।

दीपावली पर निबंध (500 शब्दों में)

प्रस्तावना:- भारत त्योहारों का देश है जहाँ हर पर्व प्रेम, एकता और खुशी का संदेश लेकर आता है। इन्हीं त्योहारों में “दीपावली” सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। दीपावली को दीपोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन पूरा देश दीपों की रौशनी से जगमगा उठता है। यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

महत्व

दीपावली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। उसी दिन से हर वर्ष दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा।

यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक बन गया। हिंदू धर्म में यह दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि लक्ष्मी जी उसी घर में प्रवेश करती हैं जो स्वच्छ और प्रकाशमय होता है।

दिवाली मनाने का तरीका

दीपावली के आगमन से पहले लोग अपने घरों की पूरी सफाई और सजावट करते हैं। पुराने सामानों को हटाकर घर को नया रूप दिया जाता है। बाजारों में चारों ओर रौनक छा जाती है। मिठाइयों, कपड़ों और सजावटी सामान की दुकानों पर भीड़ लग जाती है। लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं। बच्चों के लिए यह त्योहार विशेष होता है क्योंकि उन्हें नए कपड़े, खिलौने और मिठाइयाँ मिलती हैं।

यह भी पढ़ें – दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में

दीपावली के दिन सुबह से ही उत्साह का माहौल रहता है। घरों में रंगोली बनाई जाती है और दरवाजों पर तोरण सजाए जाते हैं। शाम के समय लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है। परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं। पूजा के बाद दीपक जलाए जाते हैं और घर के कोने-कोने में रखे जाते हैं। दीपों की यह पंक्ति घर को स्वर्ग जैसा सुंदर बना देती है।

दीपावली की रात को मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। कुछ लोग आतिशबाज़ी भी करते हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और इको-फ्रेंडली दीपावली मनाने की प्रेरणा दे रहे हैं। हमें भी यह समझना चाहिए कि पटाखों से प्रदूषण फैलता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों को हानि होती है।

दीपावली का असली संदेश यह है कि हमें अपने भीतर की नकारात्मकता को मिटाकर अच्छाई का दीप जलाना चाहिए। जिस प्रकार दीप अंधकार को मिटाकर प्रकाश फैलाता है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन से आलस्य, झूठ, नफरत और क्रोध को दूर करना चाहिए। यह त्योहार हमें सिखाता है कि सच्चाई और मेहनत के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति हमेशा सफल होता है। दीपावली हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए ताकि उनके जीवन में भी उजाला आ सके।

दीपावली के इस पावन अवसर पर हमें स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और अपने आसपास के वातावरण को सुंदर बनाना चाहिए। साथ ही यह संकल्प लेना चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे और किसी को भी नुकसान नहीं पहुँचाएँगे। दीपावली हमें एक नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है — जीवन में खुशियाँ फैलाने और अच्छे कार्यों के लिए आगे बढ़ने की।

उपसंहार

अंत में कहा जा सकता है कि दीपावली का त्योहार केवल दीप जलाने का नहीं, बल्कि जीवन को प्रकाशमय बनाने का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि सच्चाई, प्रेम और अच्छाई के दीप से ही जीवन में वास्तविक सुख मिलता है। इसलिए हमें दीपावली को सच्चे मन से, स्वच्छता और सादगी के साथ मनाना चाहिए। दीप जलाइए, खुशियाँ बाँटिए और जीवन में उजाला भरिए — यही दीपावली का सच्चा अर्थ है।

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