Jivanu kise kahate hain | बैक्टीरिया के लाभ और हानि

Jivanu kise kahate hain?- bacteria को ही हिन्दी मे जीवाणु कहते हैं। बर्तमान मे bacteria का जनक बैज्ञानिक “रॉबर्ट कोच” को माना जाता है लेकिन सबसे पहले इसका नाम bacteria “लुई पाश्चर” ने रखा था।

Jivanu kise kahate hain

क्या आप जानते हैं कि Jivanu kise kahate hain तो इस पोस्ट मे आप ये जानेगें कि Bacteria मतलब जीवाणु सब एककोशिक होते हैं, ये जीवद्रव्य  से बने होते हैं इसीलिए इनकी गणना एक समय जंतुओं में होती थी. फिर बाद मे मालूम हुआ कि ये हकीकत में वनस्पति जगत्के सदस्य हैं.

लेकिन ये अन्य वनस्पतियों से इस बात में अलग हैं कि इनमें हरित वर्णक नहीं होता हैइस संबंध में ये कवक की तरह माने जाते हैं। जीवाणु  बहुत तेजी से बढ़ते हैं। इनमें लिंग जनन का अभाव होता है।

जीवाणुओं के आकार चार प्रकार के होते हैं। कुछ गोल होते हैं, जिन्हेंकोकसकहा जाता  हैं। कुछ दंड या बेलन के आकार जैसे होते हैं, जिन्हें दंडाणु (Bacillus कहा जाता हैं ये दृढ़ सर्पिल आकार के भी होते हैं, जिन्हें स्पाइरिलम Spirillum) कहा जाता हैं।

ये लगभग 1 मिनट तक गरम करने से ये तुरंत नष्ट हो जाते हैं लेकिन  इनके कुछ बीजाणुओं (spores) को नष्ट करने के लिये अधिक समय तक और 120 से 150 सेंo तक दबाव वाष्प में गरम करने की आवश्यकता पड़ती है।

सबसे पहले जिन जीवाणुओं का अध्ययन हुआ था वे सामान्यत: रोगोत्पादक (देखें जैवाणुक एवं संक्रामक रोग फैलाने बाले  थे। इससे यह गलत बात मानी गयी कि सभी जीवाणु रोग पैदा करते  हैं; पर बाद मे कुछ ऐसे अनेक जीवाणु पाए गए जो मनुष्य और जंतुओं के लिये लाभदायक भी थे,

वस्तुत:  जीवाणुओं की सक्रियता पर ही मनुष्य का जीवन निर्भर करता है। जीवाणु अनुकूल अवस्था में बहुत तेजी से बढ़ते हैं। कुछ घंटों में ही इनकी संख्या लाखों करोड़ों में हो जाती है। इस वृद्धि के लिये इन्हें उपयुक्त वातावरण और खाद्य की जरूरत होती है। दूध इनका सर्वोत्कृष्ट खाद्य होता है।

जीवाणुओं के लिए  प्रकाश  हानिकारक होता है, पर बैंगनी प्रकाश तो और अधिक हानिकारक  होता है। अंधकार में ही ये फलते फूलते  हैं।जीवाणु  हमारे लिए हानिकारक भी होते हैं और लाभदायक भी होते हैं। अब आप जान गए होंगे कि Jivanu kise kahate hain. अब आइए इसके बारे में और अधिक जानते हैं.

बैक्टीरिया का साइज़

सबसे  बड़े bacteria का नाम बेजियाटोआ मिराबिलिस  Beggiatoa mirabilis और सबसे छोटे bacteria का नाम डाइएलिस्टर न्यूमोसिंटीस Dialister pneumosintis है।

इनकी 0.5 से 2.0 माइक्रो चौड़ाई और इसकी लंबाई 1.0 से 8.0 माइक्रो आसपास होती है। इसी के कारण उन्हें सूक्ष्म जीव या जीवाणु कहते हैं। कुछ जीवाणु इतने छोटे होते हैं कि उच्चतम आवर्धन के प्रबलतक सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं दिखाई देते हैं।

जीवाणुओ का हमारे जीवन मे लाभदायक योगदान

Jivanu kise kahate hain यह जानने के बाद अब इसके लाभ देखते हैं. ये कुछ इस तरीके से हमारे जीवन मे लाभदायक होते हैं जैसे-

1) डेरी में – (In dairy)

  जीवाणुओ का उपयोग मक्खन, दही, पनीर जैसी चीजे बनाने मे किया जाता है।

 दूध से दही बनाने के लिएस्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस” (streptococcus lactis) जीवाणु का इस्तेमाल किया जाता है।

पनीर बनाने के लिएलैक्टोबैसिलस लैक्टिसजीवाणु मददगार होता है।

2) खेती में – (In agriculture)

जीवाणुओ का हमारे खेती मे भी बहुत योगदान रहता है। ये भूमि में उर्वरता शक्ति पैदा करते हैं। ये अलग अलग तरह के होते है जिनको 3 भागों मे बांटा गया है।

3) शाकाहारी जन्तुओ मे सेलुलोस के पाचन में जीवाणु सहायक होते हैं।

4) जीवाणुओं से अनेक एंटीबायोटिक प्राप्त होते हैं।

5) ये मरे हुए जीवों को सड़ागलाकर अनेक जटिल यौगिकों को सरल यौगिकों मे बादल देते हैं।

जीवाणुओं का हानिकारक योगदान

ये हमारे लिए लाभदायक होने के साथ साथ हानिकारक भी होते हैं। अब हम आपको यहाँ जीवाणुओं से होने वाले कुछ नुकसान के बारे मे बताएँगे।

1: जीवाणु, हमारे खाने की चीजों को खराब कर देते है। इन्ही से बचाने के लिए हम अपनी खाने की कुछ चीजों को फ्रीज़ मे रखते हैं।

2: जीवाणु हमारे शरीर मे भी अनेक रोग पैदा कर देते हैं; जैसेतपैदिक, हैजा, पेचिश, निमोनिया और इसी तरह के कई रोग होते हैं जो इन जीवाणुओं की वजह से ही होते हैं।

3: कुछ जीवाणु एंटीबायोटिक पदार्थों को नष्ट कर देते हैं।

4: “स्पाइरोकीट साइटोफेज” (spirochaete cytophage)नामक जीवाणु कपास के रेशों को नष्ट कर देता है।

 बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से बचने के कुछ सामान्य तरीके

बैक्टीरिया से बचने के लिए थोड़ी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए जिससे काफी हद तक हम बैक्टीरिया के संक्रमण से बच सकते हैं.

अपने इस्तेमाल करने की चीजों को साफ़ सुधरा रखे. खाना खाने और बनाने से पहले अच्छी तरह साबुन से हाथ धोना चाहिए.

तौलिया, टूथब्रश, आदि जैसी चीजों को साझा करने से बचे और जितना हो सके इन्हें साफ़ रखे. खाने पीने के बर्तन जैसे गिलास, कप, प्लेट आदि को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें.

इसके साथ साथ सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि आप पीने के पानी का खास ख्याल रखे. किसी भी तरह का दूषित पानी का सेवन न करे. हमेशा साफ सुधरा या फिल्टर किया हुआ पानी पिए.

इसके अलावा और भी कई चीजे हैं जिनको आप अपनी दिनचर्या में शामिल करके बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से काफी हद तक बच सकते हैं.

तो इस आर्टिकल में आपने Jivanu kise kahate hain इसके बारे में जाना और इसके साथ साथ बैक्टीरिया के लाभ और हानि क्या क्या हैं यह भी जान लिया.

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