अ आ इ ई इन हिंदी : वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं

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अ आ इ ई इन हिंदी

किसी भाषा के वर्ण समूह को हिंदी में वर्णमाला कहते हैं. हर भाषा में वर्ण अलग अलग प्रकार के होते हैं. अगर हिंदी की बात करे तो अ आ इ ई इन हिंदी में वर्ण दो प्रकार के होते हैं जिनके बारे में यहाँ डिटेल्स में बताया गया है .

  1. स्वर वर्ण (Vowel Letter)
  2. व्यंजन वर्ण (Consonant Letter) 

हिंदी में स्वर वर्ण कितने होते हैं?

स्वर वर्ण

जिन वर्णों का उच्चारण किसी दूसरे वर्ण की सहायता के बिना होता है उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं. हिंदी भाषा में 11 स्वर वर्ण होते हैं जो निम्नलिखित हैं.

अ आ इ ई उ ऊ

ए ऐ ओ औ ऋ

इन अक्षरों में अ इ उ और ऋ हस्व स्वर कहलाते हैं और आ ई ऊ ए ऐ ओ औ यह दीर्घ स्वर कहलाते हैं.

मात्राएँ

आ      ा

इ      ि

ई      ी

उ      ु

ऊ     ू

ऋ     ृ

ए      े

ऐ      ै

ओ     ो

औ     ौ

मात्राएँ

व्यंजन वर्ण

जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए स्वर वर्णों की मदद लेना पड़ती हैं वे वर्ण व्यंजन कहलाते हैं. हिंदी भाषा में वर्ण 36 होते हैं. जो निम्नलिखित वर्गों में होते हैं.

कवर्ग = क ख ग  घ

चवर्ग = च छ ज झ

टवर्ग = ट ठ ड ढ ण

तवर्ग = त थ द ध न

पवर्ग = प फ ब भ म

अंतस्थ = य र ल व

ऊष्म = श ष स ह

संयुक्त = क्ष त्र ज्ञ

अनुस्वार = स्वर के ऊपर लगे बिंदु जैसे अंश, कंस और हंस शब्दों में ऊपर जो बिंदु लगा है उसको अनुस्वार कहते हैं.

विसर्ग = स्वर के बाद लगने बाले दो बिंदु (:) विसर्ग कहलाते हैं; जैसे – प्रातः और अतः आदि.

अ से ज्ञ तक सम्पूर्ण हिंदी वर्णमाला

अ आ इ ई उ ऊ ऋ

ए ऐ ओ औ अं अ:

क ख ग घ

च छ ज झ

ट ठ ड ढ ण

त थ द ध न

प फ ब भ म

य र ल व

श ष स ह

क्ष त्र ज्ञ

वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं

वर्णमाला सीखने से पहले हम बात करते हैं कि आखिर वर्ण किसे कहते हैं. hindi ke akshar में वर्ण, मतलब हम जो कुछ भी बोलते हैं, उसमे अनेको शब्दों का प्रयोग करते हैं. यह शब्द कई ध्वनियों से मिलकर बनते हैं और यही ध्वनियाँ ही वर्ण या अक्षर कहलाती हैं. वर्ण के टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं.

भाषा किसे कहते हैं?

हम अपने विचारों को बोलकर या लिखकर प्रकट करते हैं. इसी प्रकार हम दूसरे के विचारो को हम सुनकर या पढ़कर ग्रहण करते हैं. तो इस प्रकार-

भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम अपने भाव और विचारों को दूसरे पर प्रकट करते हैं और दूसरे के भाव तथा विचारो को समझते हैं.

विश्व में अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोली व समझी जाती हैं

व्याकरण किसे कहते हैं?

जिस विद्दा के द्वारा हम किसी भाषा को शुद्ध बोलना, पढ़ना, और लिखना सीखते है, उसको व्याकरण कहते है.

किसी भी भाषा के तीन मूल आधार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं.

  1. अक्षर या वर्ण
  2. शब्द
  3. वाक्य

अक्षर औए वर्ण के बारे में हम इस आर्टिकल में पढ़ चुके हैं तो अब शब्द और वाक्य देखते हैं.

शब्द = दो या दो से अधिक वर्ण मिलकर शब्द बनाते हैं. ये शब्द किसी न किसी अर्थ को बताते हैं. जैसे – पानी, भोजन, आना, जाना, खाना, खेलना आदि शब्द हैं.

वाक्य = सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को, जिससे पूरा पूरा अर्थ समझ में आ जाये, वाक्य कहलाते हैं. या फिर जैसे हम अपनी बात बोल कर कहते हैं, इसके लिए कई शब्दों का क्रमवार प्रयोग होता है तो शब्दों के इस समूह को ही वाक्य कहा जाता है.

वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

वाक्य तीन प्रकार के होते हैं – साधारण या सरल वाक्य, प्रश्नवाचक वाक्य, निषेधवाचक वाक्य.

साधारण या सरल वाक्य

ऐसे वाक्य जिनमे हम अपनी कोई बात सरल ढंग से करते है तो उन्हें साधारण वाक्य कहते हैं.

जैसे – मै स्कूल जाता हूँ.

वह खेल रहा है.

और इस आर्टिकल में आप जो कुछ पढ़ रहें है यह सब कुछ वाक्य के रूप में ही है.

प्रश्नवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में कोई प्रश्न किया जाता है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते है.

जैसे- आपका क्या नाम है?

वह क्या कर रहा है?

निषेधवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से किसी काम के न करने का पता चलता है उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं.

संज्ञा किसे कहते हैं?

संज्ञा की परिभाषा: किसी प्राणी, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को ही संज्ञा कहते हैं. जैसे राम, लखनऊ, कुर्सी, प्रेम आदि संज्ञा हैं.

संज्ञा के प्रकार

संज्ञा के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं.

[1] जातिवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दों से किसी जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे – आदमी, किताब, बिल्ली.

[2] व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दों से किसी विशेष प्राणी, वस्तु या जगह आदि का बोध हो, व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – कबीरदास, आगरा, आदि.

[3] भाववाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दों से किसी भाव, गुण, दोष, आदि का भाव प्रकट हो उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे – प्रेम, दोस्ती, अच्छाई, बुराई, गुस्सा आदि.

सर्वनाम किसे कहते हैं?

संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे मै, तुम, वह, हम.

सर्वनाम के प्रकार

सर्वनाम निम्नलिखित पाँच प्रकार के होते हैं.

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. पुरुषवाचक सर्वनाम

इस सर्वनाम से किसी व्यक्ति का बोध होता है /जैसे – मै, तुम, वह. आदि /

  • निश्चयवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए निशिचत संकेत करता है. वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है. जैसे – ये, वह, यह, वे आदि .

  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से किसी निशिचत व्यक्ति या वस्तु आदि का बोध नहीं होता है उसको अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं. जैसे – कोई , कुछ आदि.

  • सम्बन्धवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम अन्य वाक्य में आई संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध प्रकट करता है, उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं. जैसे- जो, जिसको,जिसकी आदि.

  • प्रश्नवाचक सर्वनाम

किसी व्यक्ति या वस्तु के विषय में प्रश्न पूछते समय जिस सर्वनाम का प्रयोग होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं. जैसे- कौन, क्या, आदि.

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