Gandhi ji per Nibandh : महात्मा गांधी पर निबंध 150, 500 शब्द व 10 लाइन

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महात्मा गांधी पर निबंध 150 शब्दों मे

Gandhi ji per Nibandh:- महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता कहा जाता है इन्हें लोग प्यार से बापू भी कहते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 ई। में हुआ था।

गांधी जी गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर पैदा हुए थे। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और इनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

गांधी जी का पूरा नाम मोहन करमचंद गांधी था इनका विवाह कम उम्र की आयु में ही हो गया था। इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था जो बहुत धार्मिक थीं। गांधी जी के चार पुत्र थे।

महात्मा गांधी पेशे से एक वकील थे और इसके अलावा इन्होने अंग्रेजी शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपना पूरा जीवन बिताया।

इन्होने शुरूआती पढाई लिखाई अपने भारत में ही की थी इसके बाद वकालत की शिक्षा लेने इंग्लेंड चले गए। वहीँ से इन्होने वकालत की डिग्री हासिल की थी। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में गौडसे नामक व्यक्ति ने इन्ही हत्या कर दी थी।

गांधी जी पर निबंध (500 शब्द)

Gandhi ji ka Nibandh:- महात्मा गांधी, जिन्हें बापू और राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और सादगी के माध्यम से पूरी दुनिया को प्रेरित किया। इस लेख में हम गांधी जी के जीवन, उनके सिद्धांत और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे।

 गांधी जी का प्रारंभिक जीवन

गांधी जी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर के दीवान थे और माता पुतलीबाई धार्मिक और सादगी पसंद महिला थीं। गांधी जी की शिक्षा राजकोट और पोरबंदर में हुई। 1888 में उन्होंने इंग्लैंड जाकर वकालत की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद, वे भारत लौटे और वकील के रूप में काम करने लगे।

 दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष

1893 में गांधी जी वकालत के काम से दक्षिण अफ्रीका गए। वहाँ उन्होंने भारतीयों के साथ होने वाले भेदभाव को देखा। ट्रेन में एक घटना के दौरान, उन्हें केवल भारतीय होने के कारण बाहर फेंक दिया गया। इस घटना ने गांधी जी के जीवन को बदल दिया।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। सत्याग्रह का अर्थ है सत्य और अहिंसा के बल पर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ना। यह पद्धति बाद में भारत के स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य हथियार बनी।

 भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी की भूमिका

1915 में गांधी जी भारत लौटे और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गए। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन चलाए। उनके प्रमुख आंदोलनों में शामिल हैं:

1. असहयोग आंदोलन (1920) – इसमें इन्होने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना शुरू किया। गांधी जी ने “स्वदेशी” को बढ़ावा दिया और लोगों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।

2. दांडी मार्च (1930)– इस आन्दोलन में गाँधी जी ने नमक कानून का विरोध किया था।

3. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)– भारत को आजाद कराने की यह अंतिम लड़ाई थी।

गांधी जी के आदर्श और सिद्धांत

गांधी जी सत्य, अहिंसा, और सादगी के प्रतीक थे। उनका मानना था कि किसी भी समस्या का समाधान अहिंसा के माध्यम से संभव है। सादा जीवन और उच्च विचार अपनाने चाहिए। सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।

गांधी जी छुआछूत के सख्त विरोधी थे। उन्होंने “हरिजन” शब्द का प्रयोग दलितों के लिए किया और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने के लिए काम किया।

गांधी जी की मृत्यु

30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या कर दी गई। उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। आज भी गांधी जी के विचार और सिद्धांत पूरी दुनिया को प्रेरित करते हैं। उनकी जयंती, 2 अक्टूबर, को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी प्रसिद्ध है।

निष्कर्ष

महात्मा गांधी एक महान नेता और विचारक थे। उन्होंने सत्य और अहिंसा के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाई। उनके आदर्श हमें सिखाते हैं कि सच्चाई और धैर्य से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें एक बेहतर समाज की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।

महात्मा गांधी निबंध 10 लाइन

  1. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था। जिन्हें लोग ‘बापू’ और ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से भी जानते हैं।
  2. इनका जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 ई। को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था।
  3. इनके पिता मोहनदास करमचंद जो एक दीवान थे, और इनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो बहुत धार्मिक थीं।
  4. गांधी जी मैट्रिक की पढाई करने के बाद इंग्लैंड चले गए जहाँ उन्होंने वकालत की पढाई की थी।
  5. महात्मा गांधी ने बचपन में “श्रवण कुमार” और “सत्य हरिश्चंद्र” नाटक पढ़े। जब से उन्होंने सेवाभाव और सत्य को अपना लिया था।
  6. गांधी जी ने इंग्लैंड से आने के बाद गुजरात में ही वकालत शुरू कर की थी। फिर 1893 में दक्षिण अफ्रीका भी गए।
  7. दक्षिण अफ्रीका में रह रहे लोगो की दशा बहुत ख़राब थी तो गांधी जी उनकी दशा सुधारने के लिए वहां आन्दोलन चलाये।
  8. भारत में लौटने के बाद गांधी जी ने अंग्रेजो के खिलाफ अनेक आन्दोलन चलाये जिस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पडा।
  9. “अंग्रेजो, भारत छोड़ो” आन्दोलन गांधी जी ने सन् 1942 में चलाया था।
  10. इन्होने सभी आन्दोलन सत्य, अहिंसा और त्याग के भाव से चलाए थे। इसीलिए इन्हें अहिंसा का पुजारी भी कहा जाता है।

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